कविता :- 15(95) भोजपुरी ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳

कविता:-15(95) भोजपुरी ✍️•••  रोशन कुमार झा 🇮🇳
Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা,
17-04-2020  शुक्रवार 22:20  (मो-6290640716)

-: 🙏  पता रहल न तू  कोरोना ऐसन करबूं !🙏 :-

कब तक हम रोई ,
पता रहल न कि ऐसन दिन कबहूं होई ,
कि सबके सब आराम से सोई !
और बाहर निकली न कोई !

कोई घरवा गांव में,तो कोई बारन टॉउन में ,
सब के सब फंसल  भारन इअ लॉकडाउन में !
बाहर जईबअ लगी पुलिस के डण्टा ,खइबअ मार,
ओईजअ होई लाल !

कहां से आई ईअ कोरोना... तंग बारन सरकार ,
जनेऊ के बाद हमर, और कोरोना सअ बिगड़ल बा
संसार के हाल !
तअ का बताई लोउवा लोगेन के  हम रोशन कुमार !
कहां जईबअ बंद पड़ ड़बा पूरा बाजार !

दिन रात मेहनत कैइलअ और हमहूं कैनी ,
कहां काम आईल पैसबा जे मेहनत से कमैनी ,
आज बढ़ले जा ता बेचैनी ,
काहें कि दुकान बंद पड़ ड़बा कहां से लाई खैनी !

रे चीन तोहरा के मारव झाड़ू ,
तू तअ वृहान के लड़कवा कोरोना बड़ा कसाई बारू !
तू हटबअ हटी लॉकडाउन और ट्रेन होई चालू ,
दया करअ ऐ कोरोना....
इंतजार करत बारअ हमर बबूआ लोगेन और मेहरारू !

                                                🙏 धन्यवाद ! 💐🌹
          ✍️••••••  रोशन कुमार झा    🇮🇳

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