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কবিতা :- ১৫(৯৬) বাংলা ✍️ রোশন কুমার ঝা 🇮🇳 -: কোরোনা এসেছে !:-

 কবিতা:-১৫(৯৬) বাংলা  ✍️ ••• রোশন কুমার ঝা মোঃ:- ৬২৯০৬৪০৭১৬   (6290640716 ) रोशन कुमार झा 🇮🇳 Roshan Kumar Jha, ১৮-০৪-২০২০ শনিবার ১০:৪৫ -:  করোনা এসেছে !:- কী বোলবে আমি রোশন এই মুহূর্তে বিশ্বে নভেল করোনাভাইরাস  হলো , তালে আপনি সবাই কিছু বলো ! এখন বাহিরে চলে না , ঘুরছো এখন করোনা ! যাবেন না বাইরে , আমার দাদা ভাই রে ! বাড়িতে থাকো , সুস্থ মন রাখো !                                     ধন্যবাদ ! 💐🌹💐🌻       ✍️••••• রোশন কুমার ঝা 18-04-2020 शनिवार 10:45 कविता:-15(96) बंगाली ( कोरोना आया है ) की बोलवो आमि रोशन ऐई मुहूर्त विश्व नोवेल कोरोनावायरस हलो , ताले आपनी सोवाई कीछू बोलो ! ऐखुन बाहिरे चोलोना,  घुरचे ऐकुन कोरोना !   जावेन ना बाहिरे ,  आमार दादा भाई रे !  वाड़ी ते थाको ,   स्वस्थ मन राखो !                           हिन्दी अर्थ में कविता :-15(96) क्या बोलूं हम रोशन इस समय विश्व में कोरोनावायरस हुआ है , इसलिए आप लोग कुछ बोलिए ! अभी बाहर चलिए ना, घूम रहे हैं अभी कोरोना ! जाईयें न बाहर ) रे हमारा दादा भाई रे ! घर पर रहिए , स्वस्थ मन रखिए !         

कविता :- 15(95) भोजपुरी ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳

कविता:-15(95) भोजपुरी ✍️•••  रोशन कुमार झा 🇮🇳 Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা, 17-04-2020   शुक्रवार 22:20  (मो- 6290640716 ) -: 🙏  पता रहल न तू  कोरोना ऐसन करबूं !🙏 :- कब तक हम रोई , पता रहल न कि ऐसन दिन कबहूं होई , कि सबके सब आराम से सोई ! और बाहर निकली न कोई ! कोई घरवा गांव में,तो कोई बारन टॉउन में , सब के सब फंसल  भारन इअ लॉकडाउन में ! बाहर जईबअ लगी पुलिस के डण्टा ,खइबअ मार, ओईजअ होई लाल ! कहां से आई ईअ कोरोना... तंग बारन सरकार , जनेऊ के बाद हमर, और कोरोना सअ बिगड़ल बा संसार के हाल ! तअ का बताई लोउवा लोगेन के  हम रोशन कुमार ! कहां जईबअ बंद पड़ ड़बा पूरा बाजार ! दिन रात मेहनत कैइलअ और हमहूं कैनी , कहां काम आईल पैसबा जे मेहनत से कमैनी , आज बढ़ले जा ता बेचैनी , काहें कि दुकान बंद पड़ ड़बा कहां से लाई खैनी ! रे चीन तोहरा के मारव झाड़ू , तू तअ वृहान के लड़कवा कोरोना बड़ा कसाई बारू ! तू हटबअ हटी लॉकडाउन और ट्रेन होई चालू , दया करअ ऐ कोरोना.... इंतजार करत बारअ हमर बबूआ लोगेन और मेहरारू !                                                 🙏 धन्यवाद ! 💐🌹   

कविता:- 15(94) हिन्दी -: आप लोगों से चाहिए सहयोग !:- ✍️ रोशन कुमार झा

कविता:-15(94) हिन्दी    ✍️•••  रोशन कुमार झा 🇮🇳 Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা, 17-04-2020   शुक्रवार 13:55 (मो- 6290640716 )        -: 🙏  आप लोगों से चाहिए सहयोग ! 🙏 :- विनती कर रहा हूं मैं रोशन अपने मुल्क भारत के 130 करोड़ लोग से , कोरोना को मार भगाना है, पर कैसा भगाऊ ? भगाऊंगा आप लोगों की सहयोग से ! जैसे वैज्ञानिक खोज करते हैं नई-नई प्रयोग से , हम भी और आप भी रहें हैं और तीन मई तक रहेंगे घर पर ताकि अपना भारत मुक्त हो कोरोना की रोग से ! मोदी हो या योगी कोई भी शासन चलाते हैं अपनी योग्य से , सैनिक दुश्मन से, तो डॉक्टर बचाते हैं रोग से ! कोरोना को दूर भगायेंगे करके साबुन और माक्स की उपयोग से , अन्दर छिपा रहा जो बातें... उसे निकाला हूं मैं अपनी संयोग और वियोग से ! क्योंकि एक तरफ दुनिया तड़फ रहे है कोरोना वायरस की रोग से , दुसरी तरफ हमारे बिहार की मिथिला के जिला मधुबनी मुस्कुरा रहें हैं निरोग से , सतर्कता के कारण बचें हैं कोरोन की भोग से ! गर्व है हमें मधुबनी वासीयों पर... और हमें सीखना चाहिए इनके एकता की जोग से ,                                       

http://roshanjha1999.blogspot.com/2020/04/1593_16.html

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कविता:-15(93) हिन्दी ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳

कविता:-15(93) हिन्दी ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳 রোশন কুমার ঝা, 16-04-2020 वृहस्पतिवार 15:00 Roshan Kumar Jha (मो- 6290640716 ) -: 🙏  भारतीय रेल की 167 वां वर्षगांठ...!🙏. 16 अप्रैल 1853 की बात है , भारतीय रेल की आज 167 वां वर्षगांठ है , इसके जनक जार्ज स्टीफेन्सन  और जेम्सवाट है, क्या कहूं मैं रोशन कोरोना के कारण भारतीय रेल आज न हमारी साथ है ! इसमें रेल का दोष नहीं , वह दुष्ट चीन देश हमारा पड़ोस नहीं ! उस पर दुनिया ख़ामोश नहीं , जिंदा है,जिन्दा रहेंगे.... हे चीन तुम्हारे जैसा हम भारतीय बेहोश नहीं ! अपना भारतीय रेल पहले मुंबई से थाणे चलीं , फिर हावड़ा से कमाने हुगली ! हम तो हम मुसीबत में है ज़माने खड़ी , हम तो पूजा पाठ ही कर सकते हैं मानव जाति को बचाने के लिए जानें हरि ! बचायें दुनिया को साथ में हम भारतीय बचूं और बचे भारत मां की हरियाली , हे ईश्वर खुदा मसीहा बंगाल से विनती कर रहा हूं मैं बिहारी ! हें प्रभु! बात सुन लो रेल मंत्री पीयूष गोयल की और हमारी, आज भारतीय रेल की 167 वां वर्षगांठ है आज की तरह कभी बंद हो न हमारे देश की रेलगाड़ी ! ® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳 सुरे

कविता:-15(92) हिन्दी ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳

कविता:-15(92) हिन्दी ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳 Roshan Kumar Jha ,রোশন কুমার ঝা, 15-04-2020   बुधवार 21:57 (मो- 6290640716 ) -: 🙏  हे कोरोना तेरे खिलाफ हूं  ! 🙏 हें वृहान की पुत्र कोरोना, मैं रोशन हम भारतीय तेरे खिलाफ हूं , वृहान का ही नहीं, तुम्हारे चाइना का बाप हूं ! सही के लिए शीतल, गलत के लिए ताप हूं , तब समझ जा कैसा मैं भाप हूं ! जो अपने भाप से ही उड़ा सकता हूं , हे कोरोना हम भारतीय जग चुके है अब तुझे भूला सकता हूं ! और चीन तुझे रूला सकता हूं , वक्त आने दे, जिस मोड़ पर जा रहा है न उसी मोड़ से तुझे मुड़ा सकता हूं ! बनना चाहता है तू शक्तिशाली , भूल गया धर्म-कर्म हमारी ! हे चीनी कहां निभाया तू यारी , कल से आज तक तू बढ़ा है करके अत्याचारी !              ✍️•••••• रोशन कुमार झा    🇮🇳

कविता:-15(91) मैथिली ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳

कविता:-15(91) मैथिली  ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳 Roshan Kumar Jha, রোশন কুমার ঝা 14-04-2020   मंगलवार 07:35 (मो- 6290640716 ) শুভ নবর্ষের শুভ কামনা बंगाली नव वर्ष और अपन मैथिली नव वर्ष, हिंदी कैलेंडर के शुरूआती के साथ साथ  अहाँ सभ के जुड़ शीतल की हार्दिक शुभकामनाएं अछि।💐 # आधुनिक भारत के संविधान निर्माता भारतरत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर जी की 129 वीं जयंती पर शत् - शत्  नमन  करैत छि 🙏 # अपन राम कृष्ण महाविद्यालय के छात्रा व राष्ट्रीय सेवा योजना के सक्रिय सदस्य नंदनी (दीदी) जी के उन्कर जन्मदिन की ढ़ेर सारी शुभकामनाएं व बधाइयाँ💐🎂Happy Birthday 🎂🎉🎉💐 Nandni Didi -: 🙏   चलु हम मनाबै छि मैथिली नव वर्ष 🙏.  (1) आई अछि बंगाली और मैथिली नव साल योअ , जनेऊ धारण पूजा पाठ कऽ क लाउ कुनू नव विचार योअ ! कोरोना सअ अछि दुनिया कीचाड़ योअ, छोड़ू हटावु मनावैत छी हम रोशन फल फूल निर्मल छल सँ  ...  संग संग अहुँ सब मनावु मिथिला नव वर्षक दिनक त्यौहार योअ ! और आइ अछि जुड़ शीतल योअ , कह़ू कहुं कनअ्ह कऽ अंहा के दिन बीतल योअ ! कऽ तँअ हारनोऊ और अंहा के हार में केँ जीतल यौअ , आऽ अछि नव वर्ष जीतह